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Showing posts from September, 2025

हनुमान और भीम की कथा: अहंकार का दर्पण । Hanumaan aur Bhim Ki Kahani: Ahamkaar ka Darpan

हनुमान और भीम की प्रेरणादायक कहानी | Mahabharat Ki Kahani हनुमान और भीम की प्रेरणादायक कहानी महाभारत की अद्भुत कथा जिसमें हनुमान जी ने भीम का अहंकार दूर कर उन्हें विनम्रता का महत्व समझाया। परिचय (Introduction) महाभारत में वीरता, साहस और शक्ति की अनेक कहानियां मिलती हैं। पांडवों में भीम अपने अपार बल और गदा युद्ध कौशल के लिए प्रसिद्ध थे। किंतु शक्ति के साथ अहंकार जुड़ जाए तो वह विनाश की ओर ले जाता है। यही शिक्षा देने के लिए भगवान श्रीकृष्ण ने हनुमान जी के साथ उनका मिलन कराया। भीम का बल और उनका अहंकार भीम पांडवों में सबसे बलशाली माने जाते थे। उनका शरीर पर्वत की तरह विशाल और मजबूत था। वे अपनी शक्ति पर इतना भरोसा करते थे कि धीरे-धीरे यह आत्मविश्वास अहंकार में बदल गया। भगवान कृष्ण ने सोचा कि बिना विनम्रता के शक्ति निरर्थक है, इसलिए हनुमान जी ने उन्हें सबक सिखाने का निश्चय किया। द्रौपदी और सुंदर पुष्प वनवासकाल में द्रौपदी ने एक अद्भुत सुगंध वाला पुष्प देखा और भीम से उसे ल...

रहस्यमयी लाल आँखें (Rahasymayi Laal Aankhen - Mysterious Red Eyes) Chapter- 4

रहस्यमयी लाल आँखें - हॉरर फिक्शन हिंदी कहानी | Mystery Horror Story रहस्यमयी लाल आँखें (Rahasymayi Laal Aankhen - Mysterious Red Eyes) हॉरर और रहस्य से भरी हिंदी कहानी हवेली का कमरा हवेली का कमरा अंधेरे से भर चुका था। केवल दो लाल आँखें थीं जो कोनों से झलकती हुई आरव पर गड़ी हुई थीं। तलवार उसके हाथों से छूटकर हवा में तैर रही थी। तभी आवाज़ गूंजी— “तू सोचता है कि शक्ति तेरी है? मूर्ख! असली मालिक मैं हूँ।” आरव चिल्लाया— “कौन है तू? सामने आ!” धुएँ से बनी छवि सामने आई—आधा इंसान और आधा छाया। उसकी उपस्थिति ने पूरे कमरे को हिला डाला। हवेली पर संकट बाहर हवेली में हलचल थी। तेज़ हवाएँ दरवाज़ों को तोड़ रही थीं। सैनिक और नौकर खौफजदा खड़े थे। रुद्रप्रताप सिंह गरजे— “ये कैसी ताक़त है जो हवेली में घुस आई है? पहरा दोगुना करो!” जल्द ही सभी को अहसास हुआ—य...

ब्लॉगर की SEO कैसे करें - आसान हिंदी गाइड

ब्लॉगर की SEO गाइड: गूगल पर टॉप रैंक कैसे पाएं? ब्लॉगर की SEO कैसे करें: गूगल में टॉप रैंक पाने की आसान हिंदी गाइड इस गाइड में सीखें SEO की बेसिक से एडवांस तकनीकें, फ्री टूल्स, और सही रणनीति जिससे आपका ब्लॉग Google पर पहले पेज पर आए। SEO क्या है? (What is SEO?) SEO यानी Search Engine Optimization वह तकनीक है जिससे आपकी वेबसाइट या ब्लॉग सर्च इंजनों पर आसानी से और बेहतर रैंक कर सके। यह कंटेंट, टेक्निकल सेटिंग्स और लिंक बिल्डिंग पर आधारित होता है। कीवर्ड रिसर्च कैसे करें? (Keyword Research) कीवर्ड रिसर्च SEO का आधार है। सही कीवर्ड खोजें जिन्हें लोग सच में खोज रहे हों ताकि आपको गूगल टॉप पर आने में मदद मिले। Google Keyword Planner: सर्च वॉल्यूम और कॉम्पटीशन देखें। Ubersuggest: कीवर्ड सुझाव और प्रतियोगियों का विश्लेषण। Soovle: Amazon, YouTube और Bing से ट्रेंडिंग कीवर्ड। Keyword Tool: हजारों लॉन्ग टेल कीवर्ड सेकंड्स में। ऑन-पेज SEO...

करवा चौथ 2025: व्रत विधि, शुभ मुहूर्त, पूजन सामग्री और कथा | Karwa Chauth Vrat Vidhi

करवा चौथ 2025 व्रत विधि, कथा और शुभ मुहूर्त करवा चौथ 2025 व्रत विधि, कथा और शुभ मुहूर्त तिथि: गुरुवार, 9 अक्टूबर 2025 करवा चौथ का महत्व (Karwa Chauth Vrat ka Mahatva) करवा चौथ भारतीय विवाहित स्त्रियों का एक पावन व्रत है। इस दिन महिलाएं सूर्योदय से चंद्रोदय तक निर्जला व्रत रखती हैं और अपने पति की दीर्घायु, स्वास्थ्य और समृद्धि की कामना करती हैं। यह व्रत केवल धार्मिक ही नहीं बल्कि प्रेम, विश्वास और त्याग का भी प्रतीक है। करवा चौथ 2025 शुभ मुहूर्त विवरण समय / तिथि तिथि गुरुवार, 9 अक्टूबर 2025 चतुर्थी तिथि प्रारंभ 9 अक्टूबर 2025, रात 10:54 PM चतुर्थी तिथि समाप्त 10 अक्टूबर 2025, शाम 10:38 PM पूजन का समय शाम 05:57 PM – 10:11 PM चंद्रोदय समय रात 08:47 PM ...

खून की पहली पुकार (Khoon Ki Pehli Pukaar - First Call of Blood) - Chapter - 3

खून की पहली पुकार | Khoon Ki Pehli Pukaar | Hindi Horror Story खून की पहली पुकार (Khoon Ki Pehli Pukaar) हिंदी हॉरर कहानी - बदले की प्यास और रहस्यमयी ताकत रात का डरावना सन्नाटा रात गहरी हो चुकी थी। हवेली में सब सोए हुए थे, लेकिन आरव की आँखों से नींद कोसों दूर थी। उसके कानों में अब भी तलवार की गूंज सुनाई दे रही थी— खून… मुझे खून चाहिए… बदला… बदला… धीरे-धीरे उसके दिल की धड़कन तेज होती गई। उसकी नसों में दौड़ती शक्ति अब उसके नियंत्रण में नहीं बची थी। मानो कोई अदृश्य हाथ उसे किसी अंधेरे रास्ते की तरफ़ खींच रहा हो। गाँव में अशांति सुबह होते ही खबर आई कि पास के गाँव में गुंडों ने लोगों से जबरन वसूली और लूटपाट की। विरोध करने वालों को बुरी तरह पीटा गया। यह सुनकर आरव का गुस्सा फूट पड़ा। उसकी मुट्ठियाँ कस गईं— अब और नहीं… अब ये अपमान सहा नहीं जाएगा! पहला शिकार शाम होते ही आरव तलवार लेकर गाँव पहुँचा। बदमाश उसका मज़ाक उड़ाने लगे। मगर जैसे ही तलवार हवा में उठी, धूल का तू...

शक्ति का पहला अनुभव । Shakti Ka Pehla Anubhav - Chepter 2

शक्ति का पहला अनुभव | आरव की रहस्यमयी तलवार की कहानी शक्ति का पहला अनुभव (Shakti Ka Pehla Anubhav) एक अद्भुत हिंदी फैंटेसी कहानी – तलवार, शक्ति और बदले की दास्तान शक्ति का पहला अनुभव आरव की रगों में अब वह अद्भुत ऊर्जा दौड़ रही थी। तलवार से उठती लाल आभा ने उसकी आँखों को तेज बना दिया था। वह अपने आपको अब वैसा "कमज़ोर" नहीं महसूस कर रहा था, जैसा लोग उसे कहते थे। जब उसने आईने में खुद को देखा तो पाया कि उसकी पीठ पर एक अनोखा लाल प्रतीक उभर आया था। उसे लगा मानो यह कोई साधारण शक्ति नहीं, बल्कि पूर्वजों का आशीर्वाद हो। पहला टकराव अगली ही सुबह हवेली के बाहर जमावड़ा था। कुछ लड़के, जो हमेशा आरव का मज़ाक उड़ाते थे, उसके सामने आ खड़े हुए। पर इस बार हालात अलग थे। आरव की आँखों की चमक और ज़मीन का अचानक कंपन देखकर वे घबराकर भाग खड़े हुए। आरव ने पहली बार महसूस किया कि अब लोग उससे डरने लगे हैं। अनन्या से मुलाक़ात शाम को जब बगिया में अनन...

खुद पर विश्वास की शक्ति – बनिया और उसके बेटों की प्रेरणादायक हिंदी कहानी | Motivational Hindi Kahani

बनिये का बेटा राजू: खुद पर भरोसा करने की प्रेरणादायक कहानी बनिये का बेटा राजू: खुद पर भरोसा करने की प्रेरणादायक कहानी यह हिंदी प्रेरणादायक कहानी मेहनत, आत्मविश्वास और ईमानदारी की शक्ति को दर्शाती है। Introduction ज़िंदगी में अक्सर हमें यह सोचने पर मजबूर होना पड़ता है कि सफलता किसके भरोसे मिलती है – पैसों के दम पर या अपने आत्मविश्वास और कड़ी मेहनत के सहारे। यह कहानी एक बनिये और उसके चार बेटों की है। तीनों बेटे अपने पिता के धन पर घमंड करते थे, जबकि सबसे छोटा बेटा राजू खुद की मेहनत और ईमानदारी पर विश्वास करता था। कहानी: बनिया और उसके बेटे बनिया और उसके तीन बेटे एक बार एक गांव में बनिये के चार बेटे रहते थे। तीनों बड़े बेटे अपने पिता की दौलत पर इतराते और घमंड करते थे। लेकिन चौथा बेटा राजू मानता था कि अगर इंसान खुद पर भरोसा रखे तो सफलता जरूर मिलती है। पिता की परीक्षा एक दिन बनिये ने अपने चारों बेटों को बुलाकर पूछा, "बताओ, तुम्हें सब...

गुरु स्तोत्र: लाभ, महत्व और पाठ विधि | Guru Stotram Benefits & Path Vidhi

बनिये का बेटा राजू: खुद पर भरोसा करने की प्रेरणादायक कहानी बनिये का बेटा राजू: खुद पर भरोसा करने की प्रेरणादायक कहानी यह प्रेरणादायक कहानी बताती है कि कैसे राजू ने एक मरे हुए चूहे से शुरुआत करके मेहनत और आत्मविश्वास के बल पर सेठ बनने तक का सफर तय किया। Introduction ज़िंदगी में अक्सर हमें यह सोचने पर मजबूर होना पड़ता है कि सफलता किसके भरोसे मिलती है – पैसों के दम पर या अपने आत्मविश्वास और कड़ी मेहनत के सहारे। यह कहानी एक बनिये और उसके चार बेटों की है। तीनों बेटे अपने पिता के धन पर घमंड करते थे, जबकि सबसे छोटा बेटा राजू खुद की मेहनत और ईमानदारी पर विश्वास करता था। इस कहानी से हमें सीख मिलती है कि धन कभी स्थायी नहीं होता, लेकिन आत्मविश्वास और मेहनत हमेशा सफलता दिलाते हैं। कहानी: बनिया और उसके बेटे बनिया और उसके तीन बेटे एक बार एक गांव में बनिये के चार बेटे रहते थे। तीनों बड़े बेटे अपने पिता की दौलत पर इतराते और यह सोचते रहते कि पैसे से पूरी दुनिया खरीदी जा सकती है। ...

Ramu Ki Bhakti Kahani | कहानी रामू की भक्ति | Bhakti Story in Hindi

Ramu Ki Bhakti Kahani | कहानी रामू की भक्ति | Bhakti Story in Hindi Ramu Ki Bhakti Kahani | कहानी रामू की भक्ति | Bhakti Story in Hindi परिचय | Introduction मनुष्य के जीवन में भक्ति सबसे बड़ा बल है। सच्ची श्रद्धा और विश्वास से की गई भक्ति ईश्वर तक पहुँच जाती है, भले ही उपासक को सही मंत्र या शास्त्रों का ज्ञान न हो। आज हम आपके लिए ऐसी ही एक प्रेरक कथा लेकर आए हैं – कहानी रामू की भक्ति (Ramu Ki Bhakti Kahani) । यह कथा हमें बताती है कि भगवान भाव के भूखे हैं, आडंबर के नहीं। रामू किसान का जीवन एक समय की बात है, बीना नामक गांव में रामू नाम का एक किसान रहता था। रामू बड़ा ही सीधा-सादा, मेहनती और सज्जन था। वह लोगों की मदद करता और भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति में लीन रहता। गांव के लोग उसे हमेशा भजन-कीर्तन में देखते। कोई साधु-संत गांव में आता तो रामू उन्हें सत्कार के साथ भोजन कराता। मंत्र ज्ञान का अभाव रामू हृदय से परम भक्त था, लेकिन उसे कोई मंत्र विधिवत ज्ञात नहीं था। वह बस सरल भाव से गाता रहता – “मेरो तेड़ो है, मेरो तेड़ो है।” इस भावपूर्ण उच्चारण ने ...

जानिए अच्छा बोलने की कला और कामयाबी : hame kaise bolna chahiye

बातचीत की कला | Communication Skills in Hindi | बोलने में आत्मविश्वास कैसे लाएं बातचीत की कला | Communication Skills in Hindi | बोलने में आत्मविश्वास कैसे लाएं प्रस्तावना (Introduction) क्या आपने कभी महसूस किया है कि आपके मन में बहुत सारी अच्छी बातें, विचार और ज्ञान होते हैं, लेकिन जब उन्हें सामने रखने का समय आता है तो आप बोल नहीं पाते? कई लोग बातचीत से पहले बार-बार सोचते हैं कि क्या बोलना है और क्या नहीं बोलना है , और इसी सोच में उनका आत्मविश्वास कम हो जाता है। अक्सर ऐसा भी होता है कि जल्दबाज़ी या घबराहट में हम गलत जगह गलत बात कह जाते हैं और बाद में पछताना पड़ता है। यही वजह है कि बातचीत की कला (Art of Communication) हर इंसान के लिए जरूरी है, चाहे वह विद्यार्थी हो, नौकरी करने वाला हो, बिजनेसमैन हो या लीडर। इस ब्लॉग में हम जानेंगे: बातचीत के कितने तरीके होते हैं (Types of Communication) बातचीत की कला कैसे सीखें कौन सी बातें आवश्यक नहीं हैं कॉन्फिडेंस कैसे बढ़ाएं अच्छे Listener क्यों बनना जरूरी है बातचीत में निपुण होकर एक लीडर कैस...

भक्त और भगवान का रिश्ता | Bhakt Aur Bhagwan Ke Sath Rishta Kaise Banaye | Inspirational Hindi Blog

भक्त और भगवान का रिश्ता | Bhakt Aur Bhagwan Relationship | Inspirational Hindi Blog भक्त और भगवान का रिश्ता | Bhakt Aur Bhagwan Relationship www.astrokahanikhabar.blogspot.com प्रस्तावना | Introduction हम सभी जीवन में कभी न कभी यह सवाल जरूर करते हैं कि भक्त और भगवान का रिश्ता आखिर होता क्या है? लोग जब सुख पाते हैं तो उसे अपनी मेहनत मानते हैं, और जब दुख मिलता है तो भगवान को दोषी ठहराते हैं। लेकिन क्या सच में ऐसा है? यह रिश्ता सिर्फ मांग और पूर्ति तक सीमित नहीं होना चाहिए। भगवान से आत्मीय रिश्ता बनाकर ही हम सच्ची शांति, आनंद और साक्षात्कार को महसूस कर सकते हैं। कर्म और उसका फल | Karma aur Uska Phal हमें यह समझना होगा कि भगवान हमें उसी कर्म का फल देते हैं जो हमने बोया है। अगर हम अमरूद का बीज डालते हैं तो आम का फल नहीं मिलेगा। अच्छे कर्म = अच्छा फल। बुरे कर्म = दुखद परिणाम। जब हम गलत कर्म करते हैं तो भूल जाते हैं कि उसका फल भविष्य में हमें भोगना ही होगा। और जब दुख सामने आता है तो हम भगवान को दोष देने लगते हैं। भगवान से रिश्ता सिर्फ मांगने का नहीं | Bha...

दीपावली 2025 पूजा विधि, कथा, महत्व और शुभ मुहूर्त | Diwali Puja Vidhi & Katha

दीपावली 2025 पूजा विधि, कथा, महत्व और शुभ मुहूर्त | Diwali 2025 Puja Vidhi & Katha दीपावली 2025 पूजा विधि, कथा, महत्व और शुभ मुहूर्त | Diwali Puja Vidhi & Katha लेखक: Astro Kahani Khabar टीम | 27 सितम्बर 2025 दीपावली 2025: त्यौहार का महत्व और इतिहास | Diwali Significance दीपावली केवल एक धार्मिक पर्व नहीं बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक एकता का भी प्रतीक है। यह पर्व धन, सुख-समृद्धि, भाईचारे और आत्मिक प्रकाश को प्रकट करता है। यह पर्व हमें अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाने की प्रेरणा देता है। लक्ष्मी पूजन द्वारा समृद्धि और सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है। व्यावसायिक वर्ग इसे नए वर्ष की शुरुआत मानते हैं और नए खाते (बहीखाते) की पूजा करते हैं। दीपावली की प्रमुख कथाएं | Important Stories of Diwali श्रीराम का अयोध्या आगमन: 14 वर्ष के वनवास और रावण वध के बाद राम-सीता-लक्ष्मण के अयोध्या लौटने पर दीप जलाकर स्वागत किया गया। समुद्र मंथन और लक्ष्मी...

गोवर्धन पूजा 2025: पावन कथा, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि | Govardhan Puja Kahani & Vidhi

गोवर्धन पूजा 2025: पावन कथा, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि | Govardhan Puja Kahani & Vidhi जानें गोवर्धन पूजा की पौराणिक कहानी, पूजा के शुभ मुहूर्त और संपूर्ण विधि। इस दिव्य पर्व को सही श्रद्धा और विधि से कैसे मनाएं, पढ़ें पूरी जानकारी।   Govardhan Puja Ki Pavann Kahani Aur Mahatva । गोवर्धन पूजा की कहानी गोवर्धन पूजा हिंदू धर्म में एक अत्यंत महत्वपूर्ण त्योहार है, जो भगवान कृष्ण की एक अद्भुत लीला को समर्पित है। यह पूजा कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष प्रतिपदा को मनाई जाती है। इस दिन बृजवासियों ने प्रकृति और भगवान कृष्ण की महिमा का अभिनन्दन करने के लिए गोवर्धन पर्वत की पूजा की थी।  कथा की शुरुआत होती है जब ब्रजवासी इंद्र देव की पूजा करते थे। यशोदा मैया ने एक दिन बालक कृष्ण से पूछा, "लल्ला, यह पूजा किसकी तैयारी हो रही है?" कृष्ण ने जवाब में कहा, "मईया, हमें इंद्र की पूजा नहीं बल्कि गोवर्धन पर्वत की पूजा करनी चाहिए क्योंकि हमारी गायें वहीं चरती हैं और वही हमारा वास्तविक आश्रय है।"   यह बात सुन कर इंद्र देव को बहुत क्रोध आया। उन्होने भारी वर्षा भेज दी जो बृजवासियों को डुब...

कंजूस सेठ और भगवान की लीला | Kanjus Seth Aur Bhagwan Ki Leela

कंजूस सेठ और भगवान की लीला | Kanjus Seth Aur Bhagwan Ki Leela | Prernadayak Hindi Kahan i जानिए एक कंजूस सेठ की लंबी और प्रेरक कहानी, जिसमें भगवान की लीला ने उसके अहंकार को तोड़ दिया। पढ़िए विस्तार से “कंजूस सेठ और भगवान की लीला” (Kanjus Seth Aur Bhagwan Ki Leela) – एक नैतिक हिंदी कहानी बच्चों और बड़ों के लिए   परिचय | Introduction   कहानी शुरू होती है सुदामा नगरी के सेठ रामचंद्र से, जो धन-दौलत में डूबे थे लेकिन दान-पुण्य और मानवता से कोसों दूर थे। इस कहानी में जानिए किस तरह सेठ का जीवन एक रात में ही भगवान की लीला के आगे बदल जाता है, और कैसे अहंकार के पत्थर को भक्ति-मूल्य की धार से तोड़ा जाता है। सुदामा नगरी का कंजूस सेठ | Sudama Nagri Ka Kanjoos Seth   सुदामा नगरी के बीचों-बीच भव्य हवेली में रहने वाला रामचंद्र, नगर का सबसे अमीर लेकिन सबसे कंजूस सेठ था। उसकी संपत्ति के किस्से गाँव-गाँव तक फैले थे, मगर उसके दान के नाम पर लोग हँसी में उड़ा देते थे। सेठ की दुकान नगर की सबसे बड़ी दुकान थी, जिसकी झलक देखकर ही लोग अचंभे में पड़ जाते। - सेठ हर सुबह अपनी दुकान खोलता, नोटों को...

धनतेरस की पूजा विधि ।Dhanteras Puja Vidhi

धनतेरस 2025: समृद्धि का त्योहार – Dhanteras 2025: Festival of Wealth and Prosperity धनतेरस (Dhanteras) दीपावली के त्योहारों की शुरुआत का सबसे शुभ दिन माना जाता है। यह त्योहार धन और स्वास्थ्य का प्रतीक है, जिसमें भगवान धन्वंतरि, मां लक्ष्मी और भगवान कुबेर की पूजा की जाती है। इस दिन सोना, चांदी और नए वस्त्र-गहनों की खरीदारी कर समृद्धि के द्वार खोले जाते हैं।  धनतेरस कब मनाया जाता है? – When is Dhanteras Celebrated? धनतेरस कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। वर्ष 2025 में धनतेरस 18 अक्टूबर, शनिवार को पड़ रहा है। इसका शुभ मुहूर्त शाम 7:16 बजे से 8:20 बजे तक है, जो पूजा और खरीदारी के लिए सबसे उपयुक्त समय माना जाता है। धनतेरस का इतिहास और महत्व – History and Significance of Dhanteras धनतेरस दो शब्दों 'धन' और 'तेरस' से मिलकर बना है, जिसका अर्थ है धन का तेरहवां दिन। वैदिक काल से यह त्योहार समृद्धि, स्वास्थ्य और दीर्घायु का प्रतीक रहा है। पुराणों की मान्यता है कि समुद्र मंथन के समय भगवान धन्वंतरि, जो आयुर्वेद के देवता हैं, अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे। इसल...

Karva Chauth Kab Hai 2025? करवा चौथ कब है 2025?

  Karva Chauth Kab Hai 2025? करवा चौथ कब है 2025? इस साल करवा चौथ 10 अक्टूबर 2025 को मनाया जाएगा। यह दिन कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि है, जिसका आरंभ 9 अक्टूबर की रात 10:54 बजे होता है और समाप्ति 10 अक्टूबर की शाम 7:38 बजे। इस दिन की सबसे महत्वपूर्ण बात चंद्रमा का उदय होना है, जो शाम 7:41 बजे होगा। पूजा का शुभ मुहूर्त शाम साढ़े 5 से साढ़े 6 बजे के बीच होता है। इस समय पूरे विधि-विधान के साथ करवा चौथ का व्रत और पूजा होती है।  Karva Chauth Ka Itihas Aur Mahatva (करवा चौथ का इतिहास और महत्व) करवा चौथ का त्योहार मुख्य रूप से उत्तर भारत, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, गुजरात आदि राज्यों में मनाया जाता है। यह व्रत मुख्यतः सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और खुशहाली के लिए रखती हैं। ऐसा माना जाता है कि माता पार्वती ने शिव जी को पाने के लिए यह व्रत रखा था और उसी के बाद उनका विवाह हुआ। इसलिए करवा चौथ का व्रत नारी शक्ति और विवाह की सफलता का प्रतीक मानी जाती है।  इस दिन महिलाएं पूरे दिन निष्ठा और संयम के साथ उपवास रखती हैं, पानी तक से परहेज करती हैं और शिव-पार्वती की पूजा...

Dussehra Kyon Manaya Jata Hai? दशहरा क्यों मनाया जाता है

Dussehra Kyon Manaya Jata Hai? दशहरा क्यों मनाया जाता है? दशहरा, जिसे विजयादशमी भी कहा जाता है, हिन्दू धर्म का एक बड़ा और महत्वपूर्ण त्योहार है। इसे अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। दशहरा का मुख्य अर्थ है "दसवां दिन" (दसहरा = दशहोरा = दसवीं तिथि)। यह त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है जिसे पूरे भारतवर्ष में धूमधाम से मनाया जाता है।यह पर्व भगवान श्रीराम और देवी दुर्गा की महान विजय के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। भगवान राम ने रावण का वध किया था और देवी दुर्गा ने दश दिन तक चले युद्ध के बाद महिषासुर राक्षस का संहार किया था। इसलिए, दशहरे को धार्मिक और सांस्कृतिक दोनों दृष्टिकोणों से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। राम और दशहरा की कहानी - Ram and Dussehra Story भगवान राम ने 14 वर्षों के वनवास के दौरान लंका के राजा रावण से युद्ध किया। रावण ने राम से उनकी पत्नी सीता का अपहरण किया था। राम ने अपनी बहादुरी, धैर्य और शक्ति से रावण का वध किया और सीता माता को वापस लाया।राम ने रावण का वध दशमी तिथि को किया, इसलिए इस दिन को विजयादशमी कहा गया। इसे बुराई पर अच्छाई...

नवरात्रि 2025 का घटस्थापना शुभ मुहूर्त (Navratri 2025 Ghatasthapana Shubh Muhurat)

नवरात्रि के शुभ मुहूर्त (Navratri Shubh Muhurat) नवरात्रि 2025 का घटस्थापना शुभ मुहूर्त (Navratri 2025 Ghatasthapana Shubh Muhurat) शारदीय नवरात्रि 2025 की शुरुआत 22 सितंबर को हो रही है। इस दिन घटस्थापना या कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 06:09 बजे से 08:06 बजे तक रहेगा। यदि इस समय पूजा न हो सके तो अभिजीत मुहूर्त यानी 11:49 बजे से 12:38 बजे तक भी घटस्थापना की जा सकती है। नवरात्रि की पूजा प्रतिपदा तिथि से प्रारंभ होकर नवमी तक चलती है। यह शुभ मुहूर्त 22 सितंबर 2025 को सर्वाधिक उत्तम माना गया है।   Navratri 2025 Ghatasthapana Muhurat - सुबह 06:09 AM से 08:06 AM तक   - अभिजीत मुहूर्त: 11:49 AM से 12:38 PM तक   - नवरात्रि समाप्ति: 2 अक्टूबर 2025 चौघड़िया मुहूर्त (Choghadiya Muhurat) नवरात्रि के शुभ मुहूर्तों में अमृत, शुभ, लाभ आदि चौघड़िया भी महत्वपूर्ण होते हैं। जैसे सुबह 06:09 AM से 07:40 AM तक अमृत मुहूर्त और 09:11 AM से 10:43 AM तक शुभ मुहूर्त रहेगा।   इन मुहूर्तों का ध्यान रखते हुए पूजा अथवा घटस्थापना करनी चाहिए जिससे पूजा का फल अधिक मिलता है। नवर...