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नवरात्रि 2025 का घटस्थापना शुभ मुहूर्त (Navratri 2025 Ghatasthapana Shubh Muhurat)

नवरात्रि के शुभ मुहूर्त (Navratri Shubh Muhurat)

नवरात्रि 2025 का घटस्थापना शुभ मुहूर्त (Navratri 2025 Ghatasthapana Shubh Muhurat)

शारदीय नवरात्रि 2025 की शुरुआत 22 सितंबर को हो रही है। इस दिन घटस्थापना या कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 06:09 बजे से 08:06 बजे तक रहेगा। यदि इस समय पूजा न हो सके तो अभिजीत मुहूर्त यानी 11:49 बजे से 12:38 बजे तक भी घटस्थापना की जा सकती है। नवरात्रि की पूजा प्रतिपदा तिथि से प्रारंभ होकर नवमी तक चलती है। यह शुभ मुहूर्त 22 सितंबर 2025 को सर्वाधिक उत्तम माना गया है।  

Navratri 2025 Ghatasthapana Muhurat

- सुबह 06:09 AM से 08:06 AM तक  
- अभिजीत मुहूर्त: 11:49 AM से 12:38 PM तक  
- नवरात्रि समाप्ति: 2 अक्टूबर 2025

चौघड़िया मुहूर्त (Choghadiya Muhurat)
नवरात्रि के शुभ मुहूर्तों में अमृत, शुभ, लाभ आदि चौघड़िया भी महत्वपूर्ण होते हैं। जैसे सुबह 06:09 AM से 07:40 AM तक अमृत मुहूर्त और 09:11 AM से 10:43 AM तक शुभ मुहूर्त रहेगा।  
इन मुहूर्तों का ध्यान रखते हुए पूजा अथवा घटस्थापना करनी चाहिए जिससे पूजा का फल अधिक मिलता है।

नवरात्रि पूजा विधि (Navratri Puja Vidhi)

घटस्थापना या कलश स्थापना की विधि (Ghatasthapana / Kalash Sthapana Vidhi)
1. सुबह स्नान करें और व्रत का संकल्प लें।  
2. घर के पवित्र स्थान पर एक चौकी रखें और पीला कपड़ा बिछाएं।  
3. चौकी पर सात प्रकार के अनाज रखें।  
4. कलश लें (मिट्टी या तांबे का), उसमें गंगाजल भरें।  
5. कलश में अक्षत, फूल, हल्दी, चंदन, दूर्वा, सुपारी, और एक सिक्का डालें।  
6. कलश के मुंह पर आम और अशोक के पत्ते रखें।  
7. नारियल पर रोली तिलक लगाकर और रक्षासूत्र बांधकर कलश के मुंह पर रखें।  
8. गणेश जी, वरुण देव आदि की पूजा करें।  
9. कलश के पास मिट्टी में जौ बोएं और रोज पानी डालें। यह जौ अंकुरित होकर समृद्धि का प्रतीक बनेगा।  
10. अखंड ज्योति जलाएं जो नो दिन तक प्रज्वलित रहे।

पूजा का स्थान तैयार करना (Puja Sthan Ka Taiyaar Karna)  

- घर के स्वच्छ और पवित्र स्थान का चुनाव करें।  
- जगह को गंगाजल से शुद्ध करें।  
- मां दुर्गा की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।  
- लाल चुनरी चढ़ाएं, फूल, कपूर, धूप, दीप आदि व्यवस्था करें।  

नवरात्रि पूजा के मंत्र और आरती (Navratri Puja Mantra and Aarti)  
- माँ दुर्गा के विभिन्न मंत्रों का जाप करें जैसे "ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे"।  
- दुर्गा चालीसा, दुर्गा सप्तशती और देवी कवच का पाठ करें।  
- प्रतिदिन सुबह और शाम माता की आरती करें।  

नवरात्रि पूजा सामग्री सूची (Navratri Puja Samagri List)
- माँ दुर्गा की प्रतिमा या चित्र  
- कलश (मिट्टी या तांबे का)  
- गंगाजल  
- अक्षत (चावल)  
- हल्दी, चंदन  
- फूल (गुलाब, गेंदा आदि)  
- आम के पत्ते, अशोक के पत्ते  
- सुपारी, लौंग, इलायची  
- लाल चुनरी  
- राखसूत्र (रक्षासूत्र)  
- दीप (मंत्रोच्चारण के लिए)  
- अगरबत्ती, कपूर  
- जौ के बीज (अंकुरित करने के लिए)  
- मिट्टी (जौ बोने के लिए)  
- पूजा चौकी  
- अखंड ज्योति के लिए तेल या घी

नवरात्रि व्रत का महत्व और नियम (Navratri Vrat ka Mahatva aur Niyam)

- नौ दिनों तक माँ दुर्गा के नौ रूपों की पूजा करें।  
- योग्य हो तो व्रत रखें और फलाहार करें।  
- व्रत के दौरान सात्विक भोजन ग्रहण करें।  
- रोज सुबह स्नान करके पूजा करें।  


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