Skip to main content

Posts

Showing posts from November, 2020

kanyakubj brahmin vanshavali : कान्यकुब्ज ब्राह्मण वंशावली

kanyakubj brahmin vanshavali : कान्यकुब्ज ब्राह्मण वंशावली नमस्कार मित्रों ,आज मुझे कान्यकुब्ज  ब्राह्मण की वंशावली प्राप्त हुई है अतः मैंने सोचा कि यह वंशावली आप सभी लोगों को उपलब्ध कराऊ  प्राचीन काल में कन्नौज को कान्यकुब्ज देश कहा जाता था  इसीलिए जो ब्राह्मण कान्यकुब्ज देश से संबंध रखते थे वह सभी ब्राह्मण कान्यकुब्ज ब्राह्मण कहलाए कान्यकुब्ज ब्राह्मण वेदों और शास्त्रों में बहुत निपुण होते थे  इसलिए ऐसा माना जाता है कि कान्यकुब्ज ब्राह्मण ब्राह्मणों में श्रेष्ठ ब्राह्मण होते हैं  गोत्र और इष्ट देव कात्यायन गोत्र वंशावली कश्यप गोत्र वंशावली शांडिल्य गोत्र वंशावली उपमन्यु गोत्र वंशावली सांकृत गोत्र वंशावली भरद्वाज गोत्र वंशावली गर्ग गोत्र वंशावली गौतम गोत्र वंशावली धनंजय गोत्र वंशावली भारद्वाज गोत्र वंशावली वत्स गोत्र वंशावली कश्यप गोत्र वंशावली कौशिक गोत्र वंशावली वशिष्ठ गोत्र वंशावली पाराशर गोत्र वंशावली कविस्त गोत्र वंशावली

SAP material management in Hindi agar SAP logon mai prd icon delete ho jaye to kya Karen : सैप मटेरियल मैनेजमेंट इन हिंदी

Dosto SAP kya hai ? सैप क्या है? SAP ek enterprises resource planning software hai SAP ka full form systems applications and products in data processing hai  SAP software ko lagbhag 40 hajar se adhik companiyo dwara use Kiya jata hai lagbhag 100 se adhik Desh SAP ko use karte hain.  Abhi market mein main SAP Hana Jo SAP ka sabse  advance ERP version hai use ho raha hai. SAP mein bahut module hai kuchh module ki jankari main aapko niche de raha hun. SAP ABAP  SAP Material management number SAP Financial accounting and controlling SAP Sales and distribution number SAP Human resources SAP Human resource management SAP Production planning SAP Project system kisi bhi company mein SAP ka implementation project kaise hota hai yah mein niche bata raha hun First step project preparation Second step business blueprint Third step testing server Forth step quality server Fifth step final preparation Sixth step go live and support on a production server Ab ham yahan sabse pah...

बाबा बिहारी और उनका यार | Bhakti ki Kahani | Krishna Bhakti Story

बाबा बिहारी और उनका यार | Bhakti ki Kahani | Krishna Bhakti Story   यह कहानी है रतन सिंह गांव के बाबा बिहारी की, जो दुनियादारी से अलग केवल अपने यार श्रीकृष्ण में डूबे रहते थे। जानें उनकी भक्ति, विश्वास और चमत्कारी घटनाओं की अनोखी कथा।     Introduction     भारत की धरती पर समय-समय पर ऐसे संत, फकीर और बाबा जन्में हैं, जिन्होंने अपने जीवन को सिर्फ भगवान और भक्ति के लिए समर्पित किया। वे साधारण लोग नहीं होते, बल्कि श्रद्धा, विश्वास और भक्ति की मिसाल बन जाते हैं। ऐसी ही कहानी है *रतन सिंह गांव* में रहने वाले **बाबा बिहारी** की, जिन्हें लोग पागल मानते थे लेकिन उनका हृदय केवल श्रीकृष्ण में रमा था।   वे हर समय अपने प्रभु कृष्ण को "यार" कहकर संबोधित करते थे और उनकी जुबान पर बार-बार एक ही वाक्य आता था – "मेरा यार बड़ा है अच्छा, मेरी करता है रक्षा।" यह कथा न केवल उनकी भक्ति की है बल्कि इस बात का प्रमाण भी है कि जब मनुष्य पूरी तरह से अपने ईश्वर को समर्पित हो जाता है, तो चाहे कितनी ही परेशानियां क्यों न आएं, प्रभु उसका साथ कभी नहीं छोड़ते।   बाबा ...

भोला भक्त और श्रीराम की कथा | Bhola Bhakt Aur Shri Ram ki Ekadashi Kahani Hindi

भोला भक्त और श्रीराम की कथा | Bhola Bhakt Aur Shri Ram Ki Kahani   पढ़ें भोले भक्त और भगवान श्रीराम की अद्भुत कथा, जिसमें भक्ति, सरलता और एकादशी व्रत का महत्व छिपा है। यह प्रेरणादायक कहानी  Introduction    भारतीय संस्कृति और धर्मग्रंथों में भक्ति और सरलता का महत्व सबसे बड़ा माना जाता है। जो भक्त पूरी श्रद्धा और सच्चाई के साथ भगवान को याद करता है, वहां भगवान स्वयं प्रकट होकर उसके संकट हरते हैं। ऐसी ही एक रोचक, प्रेरणादायक और ह्रदय छू लेने वाली कथा है भोला भक्त और भगवान श्रीराम की एकादशी वाली कहानी।   इस कहानी में हम देखेंगे कि कैसे भोला, जो देखने में आलसी और सरल प्रकृति का इंसान था, अपनी मासूमियत और भक्ति के सहारे अंततः भगवान श्रीराम और माता सीता की कृपा का अधिकारी बन गया। साथ ही, यह कृति हमें यह सिखाती है कि ज्ञान और ग्रंथ पढ़ने से भी बड़ा महत्व भक्त की *निर्दोष श्रद्धा और सीधी सरल भावना का होता है।   भोला भक्त की आदतें और परिवार की परेशानी    एक गांव में भोला नाम का रामभक्त रहता था। भोला पूरे दिन बस "राम राम" जपता और प्रभु का गुणगा...

धनतेरस की कहानी और महत्व (Dhanteras Ki Kahani Aur Mahatva

   धनतेरस की कहानी | Dhanteras Ki Kahani, Puja Vidhi, Mahatva & Festival Story     धनतेरस 2025 की पौराणिक कहानी, महत्व, पूजा विधि, धन्वंतरि व राजा हेम की कथा, और इस दिन की परंपराओं के बारे में जानें।   Introduction (परिचय)   भारत एक उत्सवों की भूमि है, जहाँ हर त्योहार के साथ गहरी पौराणिक और सांस्कृतिक कहानियाँ जुड़ी होती हैं। दीपावली से दो दिन पहले मनाया जाने वाला धनतेरस (Dhanteras) ऐसा ही एक महत्वपूर्ण पर्व है। इसे "धनत्रयोदशी" भी कहा जाता है क्योंकि यह कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को आता है।   धनतेरस के दिन धन, वैभव, सौभाग्य और आरोग्य की कामना की जाती है। इस दिन माँ लक्ष्मी, भगवान कुबेर और आरोग्य के देवता धन्वंतरि की पूजा का महत्व है। साथ ही, लोककथाओं में राजा हेम की कथा और उनकी पुत्रवधु का प्रसंग धनतेरस के महत्व को और बढ़ाता है।   इस आर्टिकल में हम पढ़ेंगे —    - धनतेरस की प्राचीन कहानी और पौराणिक प्रसंग  - धन्वंतरि और समुन्द्र मंथन की उपकथा   - राजा हेम और यमराज से जुड़ी कथा ...

परशुराम बाबा की पूरी कहानी – जन्म, जीवन, पराक्रम और अमरत्व | Parshuram Baba Story in Hindi

परशुराम जी की कहानी | Parshuram Baba Story in Hindi       पढ़ें परशुराम बाबा की प्रेरणादायी कहानी। जानें उनका जन्म, जीवन, पराक्रम, भगवान गणेश से युद्ध, माता-पिता की आज्ञा पालन, सहस्त्रार्जुन वध और महेंद्रगिरी तपस्थली की गाथा।   परिचय | Introduction   भारतीय संस्कृति और पुराणों में भगवान विष्णु के 10 अवतारों का विशेष महत्व है। इन्हीं में से एक हैं *भगवान परशुराम*, जिन्हें अन्य अवतारों से अलग इसीलिए माना जाता है क्योंकि वे आज भी जीवित हैं। परशुराम जी का जन्म एक ब्राह्मण कुल में हुआ मगर उनका पराक्रम क्षत्रिय योद्धाओं को भी मात देता था। यही कारण है कि उन्हें ब्राह्मणों के आराध्य देवता माना जाता है।   परशुराम जी की कथा धर्म, सत्य, भक्ति और शक्ति का अद्भुत संगम है। यह कहानी हमें यह सिखाती है कि धर्म की रक्षा के लिए यदि शस्त्र उठाना पड़े तो क्षणभर भी संकोच नहीं करना चाहिए।   परशुराम का जन्म और परिवार | Birth of Parshuram    - परशुराम जी का जन्म *त्रेता युग* में वैशाख शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हुआ था। यही दिन आज *अक्षय तृत...

अर्जुन और भगवान शिव की कहानी | Arjun aur Bhagwan Shiv Ki Kahani

अर्जुन और भगवान शिव की अद्भुत कहानी – अर्जुन की तपस्या और पाशुपतास्त्र की प्राप्ति     जानिए महाभारत की वह रोचक कथा जिसमें अर्जुन ने भगवान शिव की घोर तपस्या की, शिवजी ने उनकी परीक्षा ली और अंततः उन्हें पाशुपतास्त्र जैसा दिव्यास्त्र प्रदान किया। यह कथा जीवन में तप, विनम्रता और अहंकार-त्याग का संदेश देती है।   Introduction    महाभारत केवल युद्ध की गाथा नहीं बल्कि धर्म, अध्यात्म और जीवन से जुड़े गंभीर संदेशों का भंडार है। इस महाकाव्य में प्रत्येक पात्र की यात्रा हमें जीवन के गहरे सत्य सिखाती है।   अर्जुन, पांडवों में सबसे बड़े धनुर्धर थे, जो अद्भुत शौर्य और युद्ध कौशल के प्रतीक माने जाते हैं। उनकी यह कथा केवल वीरता की नहीं बल्कि समर्पण, तपस्या और ईश्वर-प्राप्ति की भी है। यह प्रसंग बताता है कि अर्जुन ने किस प्रकार भगवान शिव की कठोर तपस्या की, शिवजी की परीक्षा दी और अंततः उन्हें दिव्य पाशुपतास्त्र प्राप्त हुआ।   अर्जुन का संकल्प   अर्जुन युद्धकला में माहिर होने के बावजूद और भी आगे बढ़ना चाहते थे। वे जानते थे कि कौरवों के विरुद्...