bhola aur prabhu shri ram ki ekadashi ki bhakti ki alag katha kahani : भोला और प्रभु श्री राम की एकादशी की भक्ति मय की एक अलग कथा कहानी

 भोला और प्रभु श्री राम की एकादशी की भक्ति मय की एक रोचक कथा कहानी



एक बार की बात है की भगवान श्री राम का एक भोला नाम का भक्त था। वह पूरे दिन प्रभु श्री राम का गुणगान करता रहता था।भोला की एक गंदी आदत थी कि भोला भक्त आलसी बहुत था और दूसरी उसकी कमजोरी है थी कि वह भूख सहन नहीं कर पाता था। इससे भोला के घर वाले बहुत परेशान थे ।भोला से तंग आकर घर वालों ने भोला को एक मंदिर में पूजा करने के लिए भेज दिया।


भोला बहुत खुश था भोला  ने सोचा कि दिनभर प्रभु की भक्ति करनी पड़ेगी और बैठे-बैठे फ्री का खाना भी मिल जाएगा और काम कुछ भी नहीं करना पड़ेगा ।अब तो बोला बस पूरे दिन प्रभु की भक्ति में लगा रहता और यह इंतजार करता कि कब खाना आएगा और मैं खाऊं । उसी महीने में बीच में एकादशी आ गई अब भोला ने  मंदिर के मुख्य पुजारी से पूछा जिनको भोला गुरु जी बोलता था । गुरुजी आज आपने खाना क्यों नहीं बनाया है पुजारी ने बोला कि आज एकादशी है आज मंदिर में सब का व्रत है तो आज यहां पर खाना नहीं बनेगा।

 अब तो भोला को चिंता होने लगी कि वह बिना खाना के कैसे रह पाएगा ।भोला ने मुख्य पुजारी को कहा की गुरुजी मैं बिना भोजन के नहीं रह सकता हूं ।मुझे कुछ ना कुछ खाने को चाहिए रहता है । गुरुजी ने कुछ देर तक सोचा और बोला को कहा कि भोला मैं तुमको कुछ आटा और कुछ सब्जियां देता हूं। यह सब लेकर गांव के बाहर बने तालाब के पास जाओ और वही अपना खाना बनाना और खा लेना। लेकिन एक बात का ध्यान रखना कि जब तक प्रभु श्री राम को खाना नहीं खिला दो तब तक खाना नहीं खाना।





 भोले  ने गुरुजी की बात मान ली और वह आटा और सब्जियां लेकर गांव के बाहर तालाब के किनारे चल पड़ा ।भोला ने रोटी और सब्जी बनाई और प्रभु श्री राम को मन ही मन याद किया कि ही प्रभु सबसे पहले आप आओ और खाना खाओ उसके बाद मैं खाना खाऊंगा।

भोला मन से भी  भोला था उसको यह नहीं पता था कि भगवान का भोग लगाने के बाद भोजन करना है ।उसे तो यह लग रहा था कि भगवान श्री राम खाना खाने आएंगे उसके बाद मैं खाना खाऊंगा। वह बार-बार भगवान श्रीराम को याद करने लगा कि भगवान श्री राम जल्दी से आओ और खाना खा जाओ। मुझे बहुत तेज भूख लग रही है ।

उसने आंख खोलकर देखा तो कोई नहीं आया अब भोला ने फिर से बोला कि मुझे पता है प्रभु श्री राम आप क्यों नहीं आ रहे हो क्योंकि मैंने तो रुखा सुखा खाना बनाया हुआ है और मंदिर में तो आज एकादशी है मंदिर में आज पूरा और पकवान बने होंगे तो आप हमारे पास क्यों आओगे।इस प्रकार व बारंबार प्रार्थना करने पर भगवान बोला की भक्ति और सरलता पर बहुत प्रसन्न हुए।


प्रभु श्री राम भोला के सामने प्रकट हो गए और जो जो बोला ने बनाया था वह सब खा गए। अब भोला मन ही मन सोचने लगा कि गुरु जी ने श्री राम को खाने के लिए बुलाया था यह मेरा सारा खाना खा गए मुझे खाने को अब कुछ भी नहीं बचा हुआ है और भोला पूरे दिन भूखा रहा।

बात आई गई हो गई अगले महीने फिर एकादशी आई अब तो भोला ने गुरु जी से कहा गुरु जी मुझे 2 लोगों का आटा और सब्जियां चाहिए।गुरु जी ने यह सोचा कि इसका 1 लोगों के खाने से पेट नहीं भरता है यह सोच कर गुरु जी ने 2 लोगों का खाने का सामान दे दिया।

अब बोला यह सोचकर खुश आज था कि आज श्री राम अकेले आएंगे और उसको खाना मिल जाएगा भोला ने खाना बनाकर फिर से प्रभु श्री राम को मन ही मन आवाज लगाई कि हे श्री राम आ करके खाना खा जाइए ऐसा गुरु जी ने बोला है।

प्रभु श्री राम प्रकट हो गए लेकिन भोला  क्या देखता है कि आज प्रभु श्री राम अकेले नहीं थे। माता सीता को भी लेकर आए थे ।प्रभु श्री राम और माता सीता उसका सारा खाना खा गए। अब फिर भोला आज मन ही मन बोला यह कैसे भगवान श्री राम है मेरा सारा खाना खा जाते हैं और मुझे कुछ नहीं बचता है ।

अगली बार फिर एकादशी आई तो भोला ने  गुरु जी को बोला गुरुजी आज मुझे 3 लोगों का खाना चाहिए। मैं खाना नहीं खा पाता हूं गुरु जी ने उसकी बातों पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया और उसको 3 लोगों के खाने का राशन दे दिया ।

अब वह फिर से हमेशा की  तरह तालाब के किनारे गया और वह खाना बनाकर प्रभु श्री राम को याद करने लगा जैसे ही उसने प्रभु श्री राम को याद किया और वह आज क्या देखता है कि आज तो भगवान श्री राम माता सीता और भैया लक्ष्मण तीनो लोग आए ।और उसका सारा खाना चट कर गए ।अब तो वह मन ही मन बड़ा गुस्सा हो रहा था कि यह कैसे श्रीराम है गुरुजी ने मुझे ऐसा फंसा दिया है ।कि मैं खाना भी बनाता हूं और इनको खाने के लिए याद करता हूं ये मेरा सारा खाना खा जाते हैं मुझे कुछ नहीं मिलता है।

अब अगली एकादशी जैसे ही आई तो वह गुरुजी से गुस्से में बोला गुरु जी मेरे को 6 से 7 लोगों का राशन दो दो। गुरुजी ने सोचा कि यह राशन बेचता तो नहीं है  ऐसा सोच कर गुरुजी ने उसे 7 लोगों का राशन दिया। और गुरुजी चुपचाप उसके पीछे चल दिए ।अब भोला जैसे ही नदी किनारे के पास पहुंचा तो आज उसने मन में सोचा। कि जब मुझे खाना मिलता ही नहीं है तू मैं खाना क्यों बताऊं और आज उसने प्रभु श्री राम को याद किया और बोला कि हे श्री राम आए और खाना खा जाएं ।

आज तो प्रभु श्री राम माता सीता मैया लक्ष्मण भरत शत्रुघ्न और हनुमान जी सब प्रकट हुए लेकिन देखा की क्या आज भोला ने खाना ही नहीं बनाया ।अब प्रभु श्री राम ने भोला  से पूछा बोला भोला आज खाना क्यों नहीं बनाया तो बुलाने बड़ी सरलता से जवाब दिया कि श्री राम मै खाना बनाता हूं यह सोच कर कि मैं भी खा लूंगा। आप भी खाओगे। पर हर बार आप एक से ज्यादा सदस्य बड़ा कर लाते हो और आप सब खाना खा जाते हो मुझे कुछ नहीं मिलता है ।

आज आप स्वयं बनाएं और स्वयं खाएं प्रभु श्री राम ने माता सीता से बोला कि आज तो भक्त कहा है कि हम को ही खाना बनाना पड़ेगा ।अब माता सीता आटा को बनाने लगी और प्रभु श्री राम माता सीता का हाथ बताने लगे और बाबा हनुमान भैया लक्ष्मण भरत शत्रुघ्न अन्य कार्य करने लगे।

 अब तो वहां पर सारे देवता और गंधर्व प्रकट हो गए क्योंकि आज स्वयं प्रभु श्री राम और माता सीता खाना बना रहे थे यह खाना नहीं था आज है प्रसाद था। कि जहां पर स्वयं प्रभु श्रीराम खाना बना कर दे रहे हो तो भला कौन नहीं खाना चाहेगा ।

उधर गुरुजी यह सब चुपके चुपके से देख रहे थे उन्होंने देखा कि भोला  एक जगह बैठा हुआ है और बाकी सारा सामान एक जगह रखा हुआ है। गुरुजी भोला के पास आए और बोले कि एक तो तुमने इतना सारा खाना मंगवा लिया और यहां चुपचाप बैठे हो ।यह सब क्या चल रहा है ।

भोला गुरु जी से कहने लगा कि गुरु जी आपको दिखाई नहीं दे रहा है । श्री राम यह माता सीता और इनके सारे भाई खाना बना रहे हैं गुरुजी को कुछ भी नहीं दिखाई दे रहा था उन्होंने भोला से बोला कि मुझे कुछ भी नहीं दिखाई दे रहा है। भोला ने  प्रभु श्रीराम से कहा कि आप मुझे दिखाई दे रहे हो लेकिन गुरु जी को क्यों नहीं दिखाई दे रहे हो। तो प्रभु श्री राम ने भोला से कहा कि भोला तुम्हारे अंदर सरलता है ।लेकिन तुम्हारे गुरुजी के अंदर सरलता नहीं है ।इसलिए मैं उनको नहीं दिखाई दे सकता हूं 

अब जब भोला ने गुरु जी को यह बात बताई तो गुरु जी प्रभु श्री राम के सामने वही रोने लगे ।और बोले कि हे प्रभु मुझे माफ करना आप बिल्कुल सही कह रहे हैं कि मैंने ग्रंथ पढ़े किताबें पढ़ी लोगों को पढ़ाया , ज्ञान अर्जित किया लेकिन सरल नहीं बन पाया जैसे भोला है। 

हे प्रभु आज मैं आपके चरणों में आया हूं मैंने जो भी पाप किए हो। हे प्रभु मेरा उद्धार करना इस प्रकार गुरुजी के द्वारा बारंबार प्रार्थना करने पर भगवान श्री राम अपने पूरे परिवार सहित गुरुजी के सामने साक्षात प्रकट हो गए और खाना खाकर वहां से अंतर्ध्यान हो गए।

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