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भारतीय ज्योतिष में जड़ी से ग्रहों की शांति | Grah Shanti Jadi Remedies in Astrology

भारतीय ज्योतिष में ग्रह शांति हेतु जड़ियों का महत्व | Grah Shanti Ke Liye Jadiyon Ka Mahatva

जानिए भारतीय ज्योतिष में ग्रहों की शांति के लिए जड़ का महत्व। कौन-सी जड़ किस ग्रह के लिए पहनी जाती है और उसे पहनने की विधि क्या है। ग्रह दोष समाधान के लिए सरल उपाय।  

प्रस्तावना | Introduction  

भारतीय  ज्योतिष शास्त्र  Vedic Astrology में जीवन को प्रभावित करने वाले नौ ग्रहों का विशेष महत्व है। कभी-कभी कुंडली में किसी ग्रह के अशुभ फल के कारण जीवन में रुकावटें, पीड़ा या कठिनाइयाँ आती हैं। ऐसे समय रत्न धारण करने की सलाह दी जाती है, लेकिन हर कोई महंगे रत्न नहीं खरीद पाता। इसलिए ज्योतिष ग्रंथों में जड़ों (जड़ी-बूटियों) का विशेष उल्लेख मिलता है, जिससे ग्रहों को शांत किया जा सकता है।  

जड़ियाँ न सिर्फ सस्ती होती हैं, बल्कि यदि पूरी श्रद्धा और विधि-विधान से धारण की जाएँ तो रत्नों की तरह ही प्रभाव देती हैं। प्राचीन काल में ऋषि-मुनियों ने अद्भुत अनुभव किया था कि वनस्पतियों में दिव्य ऊर्जा होती है जो हमारे ग्रह-दोष को शांत कर सकती है। 

ज्योतिष में जड़ियों का महत्व | Importance of Jadi in Jyotish  

- जड़ धारण करने से ग्रहों का अशुभ प्रभाव कम होता है।  
- यह उपाय सरल, सस्ता और प्रभावी होता है।  
- हर ग्रह के लिए अलग-अलग पौधों की जड़ का प्रयोग किया जाता है।  
- जड़ से ग्रह की ऊर्जा संतुलित होती है और जीवन में सकारात्मकता आती है।  

उदाहरण: यदि शनि अशुभ फल दे रहा हो, तो शमी की जड़ नीले धागे में पहनने से शनि का प्रकोप कम होता है।  

जड़ प्राप्त करने की विधि | Method of Obtaining Jadi  
1. जिस पौधे की जड़ चाहिए, उस पेड़ के पास एक दिन पहले जाकर निवेदन करें।  
2. अगली सुबह पौधे की जड़ श्रद्धा से निकालें।  
3. यदि स्वयं निकालना संभव न हो तो पंसारी (जड़ी-बूटी विक्रेता) से खरीदी जा सकती है।  
4. घर लाकर उसे गंगाजल और दूध से शुद्ध करें।  
5. मंदिर में रखकर भगवान को समर्पित करें और प्रार्थना करें।  

जड़ धारण करने की विधि | Method of Wearing Jadi
  
- रविवार या पुष्य नक्षत्र का दिन सर्वोत्तम माना जाता है।  
- प्रातः स्नान के बाद शुद्ध मन से आसन पर बैठें।  
- जड़ को गंगाजल, शुद्ध जल और दूध से स्नान कराएं।  
- दीपक और धूप दिखाकर पूजा करें।  
- 108 बार संबंधित ग्रह का मंत्र जाप करें।  
- 108 आहुतियाँ हवन में दें।  
- फिर जड़ को कपड़े/धागे में बांधकर धारण करें।  

नौ ग्रहों के लिए कौन-सी जड़ पहनें? | Jadi Remedies for Navgraha  

1. सूर्य देव (Surya Dev)  
- जड़: बेल की जड़  
- कैसे पहनें: लाल कपड़े या लाल धागे में  
- लाभ: नेतृत्त्व क्षमता, स्वास्थ्य, पिता से संबंध बेहतर  

2. चंद्र देव (Chandra Dev)  
- जड़: खिरनी की जड़  
- कैसे पहनें: सफेद कपड़े में  
- लाभ: मानसिक शांति, माता का सुख, भावनात्मक संतुलन  

3. मंगल देव (Mangal Dev)  
- जड़: अनंतमूल की जड़  
- कैसे पहनें: लाल धागे या लाल कपड़े में  
- लाभ: साहस, भूमि-वाहन सुख, अकाल मृत्यु से रक्षा  

4. बुध देव (Budh Dev)  
- जड़: विधारा की जड़  
- कैसे पहनें: हरे धागे या हरे कपड़े में  
- लाभ: बुद्धि, वाणी में प्रभाव, व्यापार में लाभ  

5. बृहस्पति देव (Brihaspati Dev)  
- जड़: केले की जड़  
- कैसे पहनें: पीले कपड़े या पीले धागे में  
- लाभ: शिक्षा, संतान सुख, गुरु का आशीर्वाद  

6. शुक्र देव (Shukra Dev)  
- जड़: गूलर की जड़  
- कैसे पहनें: सफेद कपड़े में  
- लाभ: दांपत्य जीवन सुखी, धन, सौंदर्य, भोग-विलास  

7. शनि देव (Shani Dev)  
- जड़: शमी की जड़  
- कैसे पहनें: नीले कपड़े या नीले धागे में  
- लाभ: रोग, शत्रु और न्यायालय से राहत, कर्म में स्थिरता  

8. राहु देव (Rahu Dev)  
- जड़: सफेद चंदन की जड़  
- कैसे पहनें: नीले कपड़े में  
- लाभ: भय, भ्रम, और मानसिक अस्थिरता से मुक्ति  

9. केतु देव (Ketu Dev)  
- जड़: अश्वगंधा की जड़  
- कैसे पहनें: नीले कपड़े में  
- लाभ: आध्यात्मिक उन्नति, संतान सुख, रोग से मुक्ति  

आस्था और वैज्ञानिक दृष्टिकोण | Faith and Science Behind Jadi  

वैज्ञानिक दृष्टि से देखें तो पौधे प्रकृति की ऊर्जा को अपने भीतर संजोए रखते हैं। मनुष्य जब उस जड़ को पहनता है तो वह ऊर्जा उसके शरीर की आयुर्वेदिक ऊर्जा प्रणाली (चक्र और नाड़ी तंत्र) को प्रभावित करती है। यही कारण है कि जड़ियाँ मानसिक व शारीरिक लाभ देती हैं।  

FAQ (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)

Q1. क्या जड़ धारण करना रत्न के बराबर असर करता है?
हाँ, यदि सही जड़ सही विधि से धारण की जाए तो यह रत्न की तरह ही प्रभावशाली होती है।  

Q2. जड़ कब पहननी चाहिए?
पुष्य नक्षत्र या ग्रह से संबंधित शुभ दिन पर, सुबह स्नान करके पूजा-विधान के बाद पहननी चाहिए।  

Q3. क्या जड़ को उतार सकते हैं?
हाँ, यदि आपको लगता है कि फल मिल गया है या सूतक से  अशुद्ध हो गई हो, या ज्योतिषाचार्य अन्य ग्रह उपाय बताएँ तो इसे उतारकर बहते हुए जल में प्रवाहित करना चाहिए।  

Q4. क्या बाजार से खरीदी हुई जड़ असरदार होगी?
 
हाँ, यदि उसे गंगाजल से शुद्ध कर विधि-विधान से धारण किया जाए।  

Q5. किसे जड़ नहीं पहननी चाहिए?
  
जिन्हें ग्रह दोष नहीं है या बिना ज्योतिष सलाह के जड़ पहनना उचित नहीं।  

निष्कर्ष | Conclusion  

भारतीय ज्योतिष में ग्रह दोषों को दूर करने और जीवन में सफलता प्राप्त करने का सरल उपाय जड़ी-बूटी धारण करना है। यह उपाय आम व्यक्ति के लिए सुलभ है और उचित विधि से धारण करने पर अवश्य फलदायी होता है।  



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