जडीबुटीयो से ग्रहों की शांत करने का इलाज

 

    जड़ों से ग्रह शांति





भारतीय ज्योतिष में जडीबुटीयो से ग्रहों की शांत करने  का  इलाज का महत्व एक अपना विशिष्ट स्थान रखता है यदि कुंडली में किसी भाव में कोई ग्रह अशुभ फल दे रहा हो या कसी ग्रह की महादशा अशुभ फल दे रही हो तो हम उस ग्रह की शांति जड़ द्वारा कर सकते हैं अगर जड़ों को पूर्ण विधि-विधान से पवित्र करके पहना जाए तो रत्नों की भांति ही फल देती है यदि कोई जातक इतना सामर्थ्यवान नहीं है कि कोई रत्न खरीद सके तो वह है जड़ों को धारण करके ग्रहों की शांति कर सकता है 
जिस ग्रह से संबंधित जड़ का प्रयोग करना है सबसे पहले उस पेड़ के पास 1 दिन पहले जाना चाहिए और उस पेड़ या पौधे के पास जाकर निवेदन करना चाहिए कि मैं तुम्हें अमुक अमुक प्रयोग के लिए ले जाऊंगा कृपया मेरी मदद करना उसके बाद उस पेड़ के अगले दिन आकर उस श्रद्धा पूर्वक उस पेड़ की जड़ को निकाल लेना चाहिए और काम में लाना चाहिए आजकल के दौर में जड़े खेतों में कम सड़कों पर कम गलियों में कम पंसारी के यहां ज्यादा मिलने लगी है तो पंसारी के पास अमुक जड़ खरीदने के लिए जाना चाहिए और उससे वह जड़ खरीद लेनी चाहिए जो जड़ आप प्रयोग में लाना चाह रहे हैं उसके बाद उस जल को घर में ला कर उस जड़ को भगवान के मंदिर में रख उस जड़ से श्रद्धा पूर्वक निवेदन करना चाहिए कि यह में आपको अपने इस काम के लिए  प्रयोग में ले रहा हूं कृपया मेरी पूरी मदद करना और इस प्रकार ही उस जड़ को प्रयोग में लाना चाहिए
इस प्रकार जड़ का प्रयोग करने पर पूर्ण रूप से जड़ का फल मिलता है और ग्रह के दूध में शांति लाई जा सकती है
ज्योतिष ग्रंथों के अनुसार जिस दिन रविवार को पुख्य नक्षत्र हो उस दिन पूर्णतया विधि विधान से जिस ग्रह की जड़ी पहननी है उस ग्रह का जाप और हवन करके अगर उस ग्रह की जड़ी को पहनी जाए तो उसका पूर्णत फल मिलता है. 
प्रातः काल स्नान करने के बाद शुद्ध मन से भगवान का ध्यान करना चाहिए और मन में किसी भी प्रकार का पाप या मन में किसी भी प्रकार की चिंता नहीं होनी चाहिए और उसके बाद पूरब में या उत्तर की तरफ मुंह करके आसन लगाकर जड़ को गंगाजल शुद्ध जल व दूध से स्नान करवाकर धूपबत्ती दीपक दिखा कर उसके बाद जड़ को एक कटोरी में रख देना चाहिए फिर उसके बाद 108 बार उस ग्रह से संबंधित मंत्र का जाप करना चाहिए और 108 बार हवन करना चाहिए 
सूर्य देव के लिए बेल की जड़ लाल कपड़े में या धागे में पहनी जाए तो उसका विशेष फल मिलता है 


चंद्रदेव क लिए खिरनी की जड़ यदि सफेद कपड़े में पहनी जाए तो उसका विशेष फल मिलता है 


मंगल देव के लिए अनंतमूल की जड़ यदि लाल कपड़े में या धागे में पहनी जाए तो उसका विशेष फल मिलता है 


बुद्धदेव के लिए विधारा की जड़ हरे धागे में या कपड़े में पहनी जाए तो उसका विशेष फल मिलता है 

बृहस्पति देव के लिए यदि केला की जड़ पीले धागे या पीले कपड़े में पहनी जाए तो विशेष फल मिलता है 

शुक्र देव के लिए गूलर की जड़ यदि सफेद कपड़े में पहनी जाए तो उसका विशेष फल मिलता है 


शनिदेव के लिए शमी की जड़ यदि नीले धागे या कपड़े में पहने जाए तो उसका विशेष फल मिलता है 

राहुदेव का मंत्र राहुदेव के लिए सफेद चंदन की जड़ यदि नीले कपड़े में पहनी जाए तो उसका विशेष फल मिलता है 


केतुदेव के लिए यदि अश्वगंधा की जड़ नीले कपड़े में पहनी जाए तो उसका विशेष फल मिलता है 

          




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