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Showing posts from October, 2023

Narak Chaturdashi Muhurat 2025 । Narak Chaudas Kab Hai?

Narak Chaudas, जिसे Kali Chaudas या Roop Chaudas के नाम से भी जाना जाता है, दीपावली के महापर्व का दूसरा दिन होता है। यह दिन विशेष रूप से असुरों के नाश और आत्मिक शुद्धि  से जुड़ा हुआ है। इस दिन नरकासुर वध की पौराणिक कथा और स्नान, दान, और पूजा के विशेष नियम प्रचलित हैं। इस लेख में हम आपको बताएंगे।   Narak Chaudas 2025 Date and Muhurat (Narak Chaudas Kab Hai?)    - तारीख: 30 अक्टूबर 2025 (गुरुवार)   - नरक चतुर्दशी तिथि प्रारंभ: प्रातः 01:45 मिनट से   - नरक चतुर्दशी तिथि समाप्ति: रात 11:20 मिनट तक   - अभ्यंग स्नान शुभ मुहूर्त: सुबह 4:45 से 6:15 बजे तक   Narak Chaudas Meaning (Narak Chaturdashi Kya Hai?) Narak Chaudas का शाब्दिक अर्थ है – नरक से छुटकारा पाने वाली चतुर्दशी।   हिंदू धर्म में मान्यता है कि इस दिन अभ्यंग स्नान, दीपदान, और मंत्रोच्चार करके व्यक्ति अपने पापों से मुक्त होता है और मृत्यु के बाद उसे नरक का कष्ट नहीं भोगना पड़ता।   इस दिन को देशभर में अलग-अलग नामों से जाना जाता है –   - काली चौदस...

Dhanteras 2025: झाड़ू खरीदने का महत्व, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि | Dhanteras 2025 Muhurat & Jhadu Significance

Dhanteras 2025: झाड़ू खरीदने का महत्व, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि | Dhanteras 2025 Muhurat & Jhadu Significance   धनतेरस 2025 कब है? जानिए धनतेरस पूजा विधि, शुभ मुहूर्त, झाड़ू खरीदने का महत्व और नियम। धनतेरस पर झाड़ू, सोना-चाँदी व अन्य वस्तुएँ खरीदने की परंपरा और उसके लाभ।   Artical Headlines - धनतेरस 2025,  - Dhanteras Puja,  - धनतेरस पूजा विधि - झाड़ू खरीदने का महत्व - Jhadu Significanc - Dhanteras Muhurat,  - Dhanteras shopping list,  - Dhanteras 2025 kab hai,  - धनतेरस पूजा मुहूर्त   धनतेरस 2025 कब है? | Dhanteras 2025 Date & Muhurat    - तारीख (Date):शुक्रवार, 17 अक्टूबर 2025   - पर्व (Festival):धनतेरस (Dhantrayodashi)   - शुभ मुहूर्त (Muhurat):   - प्रदोष काल पूजा मुहूर्त:शाम 05:52 PM से 07:47 PM तक   - अभिजीत मुहूर्त:दोपहर 12:04 PM से 12:50 PM तक   - त्रयोदशी तिथि प्रारंभ:16 अक्टूबर 2025, रात 11:10 बजे    - त्रयोदशी तिथि समाप्त:17 अक्टूबर 2025, र...

करवाचौथ 2025: पूजा विधि, कहानी, महत्व और व्रत नियम | Karwa Chauth 2025 Complete Guide in Hindi

करवाचौथ 2025: पूजा विधि, कहानी, महत्व और व्रत नियम | सम्पूर्ण गाइड करवाचौथ 2025: पूजा विधि, कहानी, महत्व और व्रत नियम | सम्पूर्ण गाइड करवाचौथ क्या है? करवाचौथ एक पारंपरिक हिन्दू त्योहार है जो मुख्यतः उत्तर भारत में विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। यह पर्व कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को होता है। पूरे दिन महिलाएं सूर्योदय से चाँद की पूजा तक कुछ भी खाए-पीए बिना व्रत रखती हैं। शाम को चंद्रमा को अर्घ्य देकर पति के साथ व्रत तोड़ा जाता है। करवाचौथ 2025 की तिथि और शुभ मुहूर्त इस साल करवाचौथ व्रत 10 अक्टूबर 2025, शुक्रवार को मनाया जाएगा। पूजन का शुभ मुहूर्त शाम 5:57 बजे से लेकर 7:11 बजे तक रहेगा। चंद्रमा का उदय समय रात 8:13 बजे है। करवाचौथ व्रत की पूजा विधि सुबह सूर्योदय से पहले स्नान करें और 'सास' द्वारा दी गई स्रग ग्रहण करें...

शनैश्चर स्तोत्र पाठ के चमत्कारी लाभ | Shanischara Stotra Path Benefits

शनैश्चर स्तोत्र पाठ के लाभ, विधि और महत्व | Shanischara Stotra Benefits शनैश्चर स्तोत्र पाठ के लाभ, विधि और महत्व | Shanischara Stotra Benefits प्रस्तावना | Introduction हिंदू धर्म में नवग्रहों की उपासना अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है। इनमें शनिदेव का विशेष स्थान है। शनिदेव को कर्मफलदाता और न्याय के देवता कहा जाता है। जो व्यक्ति सत्य, ईमानदारी और परिश्रम का मार्ग अपनाता है, उसे शनिदेव हमेशा संरक्षण और आशीर्वाद देते हैं। शनैश्चर स्तोत्र शनिदेव की स्तुति में रचित एक शक्तिशाली स्तोत्र है। इसका नियमित और श्रद्धापूर्वक पाठ करने से न केवल शनिदेव की कृपा प्राप्त होती है, बल्कि जीवन की कठिनाइयाँ और ग्रह दोष भी दूर हो जाते हैं। शनैश्चर स्तोत्र क्या है? | What is Shanaischara Stotra? "स्तोत्र" शब्द संस्कृत के “स्तु” धातु से बना है, जिसका अर्थ होता है प्रशंसा करना। शनैश्चर स्तोत्र विशेष रूप से शनिदेव की स्तुति में रचा गया है। इसमें उनकी महिमा, स्वरूप, गुण और उनके द्वारा प्रदत्त दंड व करुणा का व...

शुक्र स्तोत्र के चमत्कारी लाभ (Shukra Stotra Ke Fayde)

शुक्र स्तोत्र पाठ के अद्भुत लाभ | Shukra Stotra Benefits in Hindi   जानें शुक्र स्तोत्र के पाठ और जप के चमत्कारी लाभ। शुक्र ग्रह प्रेम, विवाह, सौंदर्य, व्यापार, धन और समृद्धि का कारक है। नियमित जप से आकर्षण, धन, वैवाहिक सुख और सफलता प्राप्त करें। पढ़ें पूरा लेख FAQs सहित।   भूमिका (Introduction)   हिंदू ज्योतिष शास्त्र में शुक्र ग्रह का विशेष महत्व बताया गया है। शुक्र को दैत्यगुरु, कला और सौंदर्य के देवता माना जाता है। इनका संबंध न केवल आकर्षण, प्रेम और विवाह से है, बल्कि व्यापार, धन और ऐश्वर्य से भी जुड़ा हुआ है।   शास्त्रों में कहा गया है कि यदि किसी जातक की कुंडली में शुक्र अशुभ स्थिति में होता है, तो उसे वैवाहिक जीवन, धन और सुख-सुविधाओं में बाधा का सामना करना पड़ता है। वहीं, यदि शुक्र शुभ होता है, तो व्यक्ति जीवन में अपार सफलता और समृद्धि प्राप्त करता है।   शुक्र स्तोत्र का नियमित जप करने से व्यक्ति के जीवन में शुभता आती है। यह लेख आपको बताएगा कि शुक्र स्तोत्र पाठ के क्या फायदे हैं, कब और कैसे करना चाहिए, और किन विशेष बातों का ध्यान ...

मंगल स्तोत्र पाठ के चमत्कारी लाभ | Mangal Stotra Benefits in Hindi

मंगल स्तोत्र पाठ के चमत्कारी लाभ | Mangal Stotra Benefits in Hindi   जानिए मंगल स्तोत्र का महत्व, लाभ, पाठ विधि और इसके चमत्कारी प्रभाव। मंगल दोष, शत्रु बाधा और रोगों से मुक्त होने के लिए मंगल स्तोत्र का पाठ कैसे करें, विस्तार से पढ़ें।   मंगल स्तोत्र का महत्व और लाभ (Mangal Stotra ke Mahatv aur Labh) Introduction (परिचय)   हिंदू धर्म में ग्रहों का विशेष महत्व है। इनमें मंगल ग्रह को शक्ति, साहस, पराक्रम और कल्याण का प्रतीक माना गया है। मंगल का सीधा संबंध जीवन की ऊर्जा, साहसी स्वभाव और शत्रु पर विजय से है। जब जन्मकुंडली में मंगल दोष या कुज दोष होता है तब व्यक्ति को कई प्रकार की बाधाओं, विवाह में देरी, स्वास्थ्य समस्याओं और आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है।   ऐसे में भगवान मंगलदेव को प्रसन्न करने के लिए प्राचीन  मंगल स्तोत्र का पाठ अत्यंत लाभकारी माना गया है। यह स्तोत्र केवल मंगल दोष को ही नहीं बल्कि शत्रुओं से रक्षा, स्वास्थ्य लाभ, धन-संपत्ति में वृद्धि और आत्मबल बढ़ाने में भी सहायक होता है।   आइए विस्तार से जानते हैं मंगल स्...